आज माँ बाप की अवस्था पर तरस खा रहे हो
क्यूँ ये भूल जाते हो कि ये तो होना ही है ......
बचपन। जवानी। बुढ़ापा
[और उससे बड़ा कटु सत्य कि वो हमें किसी दिन अकेला भी छोड़ जायेंगे
मैरे जीवन में ये सत्य शायद बोहत जल्दी हकीकत बन गया ]
पर खैर तुम्हें कुछ और याद दिलाना है। ....
बड़े खुदगर्ज हो दोस्त
याद है तुम्हारे दादी दादा भी हैं
वो भी किसी के माँ बाप हैं ?
जी हां
सही पकडे हैं !
ये तुम ही नहीं हो जिसको अपने माँ बाप को वृद्धावस्था
में पाते हुए बुरा लगता है
उनकी सोचो जब तुम थोड़े और छोटे थे
अपने दादी दादा को परेशान करते थे
वो कभी कबार असहाय लगते थे
तो तुम्हारे (उस उम्र में जवान माँ बाप )
तुम्हे फटकार लगाते थे
तो तुम उनसे नाराज़ हो जाते थे
याद है?
दोस्त उनकी उस डाट में
वही रस था
हलकी उदासी
वो भी यही सोचते थे......
जो कल मेरे अच्छे खासे माँ बाप
चलते फिरते थे
वो लाचार से क्यों हो गए हैं ?
वो दरअसल तुमसे नाराज नहीं थे
वो उस बात को पचा नहीं पाए
ज़िन्दगी की दौड़ भाग में
हम इस उम्र का रस लेना भूल जाते हैं
इसे इक असहाय अवस्था समझते हैं
तुम्हारे माँ बाप के गुस्सा होने पर
तुम्हारे दादी दादा की शालीनता याद है ?
क्योंकि वो जानते हैं
मन ही मन मुस्कुरा रहें हैं
"बेटा हम बूढ़े हो गए हैं "
कटुसत्य है।
पर ये स्वीकार करो
वो कमजोर से लगते हैं
तुम उनकी ताक़त बनो
एहसास मत होने दो
की तुम व्यस्त हो
इक बार फ़ोन करलो
अरे पूछ लो कैसे हो? क्या हो रहा है?
पर इक बात बताएं
तुमसे पहले वो पुछलेंगे
"बेटा खाना खा लिया के नहीं ?"
बस यही बुरी बात है.....
हम कुछ कह नहीं पाते पर, सब जानते हैं ।
वो जान के भी कहते हैं -"तुम्हे हमारी चिंता कहाँ ?"[मज़ाक में ]
कुछ नहीं है दोस्त
बस पल हैं
उनका स्वाद लो
बुरा मत मानो
आज अपने माँ बाप को गौर से देखा है
पहचाना है, उनकी तकलीफ को महसूस किया है
अच्छी बात है
मुबारक़ हो
पर उसे और मुबारक़ तुम्हारा इक फ़ोन कर सकता है
माँ: बेटा फलाना परेशानी है ।
तुम : तो क्या हुआ । मैं देख लूंगा ।
बस उन्हें ये हिम्मत दो
तुम्हें कमज़ोर नहीं लगेंगे
जैसा कि मैंने कहा
-तुम उनकी ताक़त बनो
वोही सबसे अच्छी चीज है।
inspirational one..thnx sir
ReplyDeleteWelcome anytime. :)
ReplyDeleteGreat Sir, truly thoughtful and moving.
ReplyDeleteGreat Sir, truly thoughtful and moving.
ReplyDeleteThanks Abhay :)
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